राधा कृष्ण विरह शायरी इन हिंदी

Here we are sharing राधा कृष्ण विरह शायरी . We know that the reason for the separation of Radha and Krishna is Rukmini.Radha was born in Shukla Paksha and Rukmini was born in Krishna Paksha.

And due to the curse of Narad Muni, Radha could not marry Shri Krishna. Narad ji was tested by Lord Vishnu to break Naradji’s pride so Narad ji got angry and cursed Lord Vishnu for his wife’s separation.

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Due to which Sita had to suffer bereavement in Rama’s incarnation and Radha’s bereavement in Krishna’s incarnation. That is why we are going to share here राधा कृष्ण विरह शायरी हिंदी में.

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राधा कृष्ण विरह शायरी हिंदी में

कान्हा तुझे ख्वाबों में पाकर दिल खो ही जाता है,
खुद को जितना भी रोक लूं प्यार हो ही जाता है।

प्रेम की भाषा बड़ी आसान होती हैं,
राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी ये पैगाम देती हैं।

गोकुल मैं हैं जिनका वास
गोपियो संग करे निवास
देवकी यशोदा हैं जिनकी मैया
ऐसे हैं हमारे कृष्ण कन्हैया

प्यार किया बदनाम किसी ने चेहरे पर तेजाब डाला
प्रेम किया मीरा ने खुद विष का प्याला पी डाला

हे कान्हा, तुम संग बिताए वक्त का मैं कोई हिसाब नहीं रखती,
मैं बस लम्हे जीती हूं, इसके आगे कोई ख्वाब नहीं रखती।

राधा कृष्ण विरह शायरी हिंदी में
राधा कृष्ण विरह शायरी हिंदी में

कान्हा को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा,
पुरे खत में सिर्फ कान्हा कान्हा नाम लिखा।

प्यार मे कितनी बाधा देखी,
फिर भी कृष्ण के साथ राधा देखी

प्रेम को भी खुद पर गुमान है क्योंकि,
राधा-कृष्ण का प्रेम हर दिल में विराजमान हैं.

नहीं प्यार होता है वह जो किसी को दुख पहुंचाए
प्यार तो होता पतंगे सा जो प्यार में खुद जल जाए

राधा मुरली-तान सुनावें
छीनि लियो मुरली कान्हा से
कान्हा मंद-मंद मुस्कावें
राधा ने धुन,प्रेम की छेड़ी
कृष्ण को तान पे,नाच नचावें
****जय श्री राधे कृष्णा****

पर्दा ना कर पुजारी दिखने दे राधा प्यारी ,
मेरे पास वक्त कम है और बाते हैं ढेर सारी।

हर शाम हर किसी के लिए सुहानी नहीं होती,
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नहीं होती,
कुछ असर तो होता है दो आत्मा के मेल का
वरना गोरी राधा, सांवले कृष्णा की दीवानी न होती।

ख्वाईश बस इतनी सी,
चाहिए एक छोटा सा पल,
और साथ तुम सिर्फ तुम
राधा कृष्ण

हर शाम हर किसी के लिए सुहानी नहीं होती,
हर प्यार के पीछे कोई कहानी नहीं होती,
कुछ असर तो होता है दो आत्मा के मेल का
वरना गोरी राधा, सांवले कृष्णा की दीवानी न होती।

अमर प्रेम है राधा किशन का युग युग से पढ़ा जाए
पर हर कोई जानता है की वह कभी नहीं मिल पाए

राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आएंगे,
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे.

दरबार हजारों देखे है, पर ऐसा कोई दरबार नहीं,
जिस गुलशन में तेरा नूर न हो, ऐसा तो कोई गुलजार नहीं।

राधा कृष्ण विरह शायरी फॉर स्टेटस| Shree Radha Krishna Virah Shayari

मुझको मालूम नहीं
अगला जन्म हैं की नहीं।
ये जन्म प्यार में गुजरे
ये दुआ मांगी हैं॥
और कुछ मुझे जमाने
से मिले या ना मिले।
ए मेरे कान्हा तेरी
मोहब्बत ही सदा मांगी हैं।

जिस पर राधा को मान हैं,
जिस पर राधा को गुमान हैं,
यह वही कृष्ण हैं जो राधा
के दिल हर जगह विराजमान हैं

राधा कृष्ण का मिलन तो बस एक बहाना था,
दुनियाँ को प्यार का सही मतलब जो समझाना था

सुध-बुध खो रही राधा रानी,
इंतजार अब सहा न जाएँ,
कोई कह दो सावरे से,
वो जल्दी राधा के पास आएँ.
राधे-राधे

प्यार नहीं जो पाने की खातिर किसी की हस्ती मिटाए
प्यार तो है जो किसी की खातिर खुद की हस्ती मिटाए

राधा कृष्ण विरह शायरी फॉर स्टेटस
राधा कृष्ण विरह शायरी फॉर स्टेटस

हे मन, तू अब कोई तप कर ले,
एक पल में सौ-सौ बार कृष्ण नाम का जप कर ले.
जय श्री राधे-कृष्णा…!!

प्रेम की भाषा बड़ी आसान होती हैं.
राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी ये पैगाम देती हैं.

वह हृदय होता है ख़ास,
जिसमें बसते है राधा संग श्याम।

जिस पर राधा को मान हैं
जिस पर राधा को गुमान हैं
यह वही कृष्ण हैं जो राधा
के दिल हर जगह विराजमान हैं

संगीत है श्रीकृष्ण, सुर है श्रीराधे
शहद है श्रीकृष्ण, मिठास है श्रीराधे
पूर्ण है श्रीकृष्ण, परिपूर्ण है श्रीराधे
आदि है श्रीकृष्ण, अनंत है श्रीराधे

कृष्ण की प्रेम बाँसुरिया सुन भई वो प्रेम दिवानी,
जब-जब कान्हा मुरली बजाएँ दौड़ी आये राधा रानी

कृष्ण की प्रेम बाँसुरिया सुन भई वो प्रेम दिवानी,
जब-जब कान्हा मुरली बजाएँ दौड़ी आये राधा रानी.
जय श्री राधे कृष्ण

प्यार तो ऐसी शाय है जिसने कितने ग्रंथ लिखवाए
प्यार का ऐसा अब रूप हुआ जो फाइलों में दर्ज हो जाए

सुनो कन्या जहाँ से तेरा मन करे
मेरी ज़िन्दगी को पड़ लो पन्ना चाहे
कोईं भी खोलो हर पन्ने पर
तेरा नाम होगा मेरे कान्हा

जिस पर राधा को मान हैं,
जिस पर राधा को गुमान हैं,
यह वही कृष्ण हैं जो राधा
के दिल हर जगह विराजमान हैं.

श्याम तेरे मिलने का सत्संग ही बहाना है,
दुनिया वाले क्या जाने ये रिश्ता पुराना है।

यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता,
तो हर हृदय में राधा-कृष्ण का नाम नही होता।

राधा कृष्ण प्रेम शायरी

पाने को ही प्रेम कहे,
जग की ये है रीत..
प्रेम का सही अर्थ समझायेगी
राधा-कृष्णा की प्रीत।

राधा मुरली-तान सुनावें
छीनि लियो मुरली कान्हा से
कान्हा मंद-मंद मुस्कावें
राधा ने धुन,प्रेम की छेड़ी
कृष्ण को तान पे,नाच नचावें

नन्दलाल की मोहनी सूरत दिल में बसा रखे हैं,
अपने जीवन को उन्ही की भक्ति लगा रखे हैं,
एक बार बाँसुरी की मधुर तान सुनादे कान्हा,
एक छोटी से आस लगा रखे हैं.

प्यार है इतना चकोर को चांद से कि उस सा नहीं कोई प्यारा
बिन पाए उसे जीवन सारा बस देख देख कर गुजारा

राधा कृष्ण विरह शायरी
राधा कृष्ण विरह शायरी

सुनो कन्या जहाँ से तेरा मन करे
मेरी ज़िन्दगी को पड़ लो पन्ना चाहे
कोईं भी खोलो हर पन्ने पर
तेरा नाम होगा मेरे कान्हा

एक तरफ साँवले कृष्ण, दूसरी तरफ राधिका गोरी
जैसे एक-दूसरे से मिल गए हों चाँद-चकोरी

यदि प्रेम का मतलब सिर्फ पा लेना होता,
तो हर हृदय में राधा-कृष्ण का नाम नही होता.

कान्हा को राधा ने प्यार का पैगाम लिखा,
पुरे खत में सिर्फ कान्हा कान्हा नाम लिखा

संसार के लोगो की आशा न किया करना,
जब-जब मन विचलित हो, राधा-कृष्ण नाम लिया करना।

राधा-कृष्ण का मिलन तो
बस एक बहाना था,
दुनिया को प्यार का
मतलब समझाना था.

हिंदी राधा कृष्ण विरह कविता

राधा-कृष्णा ही प्रेम की सबसे अच्छी परिभाषा है,
बिना कहे जो समझ में आ जाए, प्रेम ऐसी भाषा है.

स्वाति और पपीहे सी क्या होगी कहीं प्रेम की परिभाषा
एक बूंद स्वाति की खातिर जो वर्षों रहता प्यासा

हे अर्जुन के सारथी मुझको भी ऐसा ज्ञान दो,
तेरे प्रेम की ज्योति को जलाये रखू ऐसा बरदान दो।

पीर लिखो तो मीरा जैसी,
मिलन लिखो कुछ राधा सा,
दोनों ही है कुछ पूरे से,
दोनों में ही वो कुछ आधा सा.
जय श्री कृष्णा

हिंदी राधा कृष्ण विरह कविता
हिंदी राधा कृष्ण विरह कविता

ए जन्नत अपनी औकात में रहना,
हम तेरी जन्नत के मोहताज नही,
हम श्री बांकेबिहारी के चरणों में रहते है,
वहां तेरी भी कोई औकात नही।

प्रेम की भाषा बड़ी आसान होती हैं,
राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी ये पैगाम देती हैं

बाजार के रंगो में रंगने की मुझे जरुरत नही,
मेरे कान्हा की याद आते ही ये चेहरा गुलाबी हो जाता है।

कितना भी धन-दौलत पा लो
पर भूख नहीं मिटटी तृष्णा की,
उसको जीवन का सारा धन मिल जाता है
जो भक्ति करें राधा के कृष्णा की.

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